गे दोस्त की गांड मारी

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग।  मेरा नाम सुमित हैं और मैं  24  साल का हूँ।  यह कहानी मेरे गे दोस्त की हैं।  उसका नाम अभिषेक हैं।  

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अभिषेक की उम्र भी 24 साल की हैं। तो चलिए यह कहानी शुरू करते हैं।  

अभिषेक और मैं स्कूल में साथ में पढ़ते थे। अभिषेक बचपन से ही लड़को को पसंद करता था।  वो स्कूल में क्लास रूम में सबसे पीछे बैठा करता था।  

अभिषेक पीछे बैठे लड़को के लंड को टटोलता रहता था। मैं अभिषेक से 8th क्लास में मिला था।   जबसे मैं अभिषेक से मिला पता नहीं उसे मुझमे क्या दिखा और उसने  पीछे बैठे लड़को के साथ बैठना छोड़ दिया था। 

अब अभिषेक मेरे साथ बैठना चालू कर दिया था।  उसने मेरे साथ 9th क्लास तक कुछ भी नहीं किया।  हम दोनों के बिच अच्छी दोस्ती हो गई  थी। 

मुझे अभी तक पता नहीं था की अभिषेक गे हैं।  एक दिन मैं क्लास में  सो रहा था तो अभिषेक मेरे पास आकर बैठा और मेरी जेब में हाथ डालने लगा। 

 मैं उठ गया था पर मैं सोने की एक्टिंग  करे लगा।  उसने धीरे धीरे मेरी जेब के अंदर से मेरे लंड को पकड़ के हिलाने लगा।  अभिषेक के हाथ बड़े मुलायम थे। 

करीब 10 मिनट तक मैं ऐसे ही सो रखा था।  लेकिन 10 मिनट के बाद अभिषेक के हाथ में अपना वीर्य निकाल दिया था। 

मैं उठा और देखा की अभिषेक का पूरा हाथ मेरे वीर्य से भरा हुआ था।  उस समय मैं अपने बजे में टिशू पेपर  रखता था ।

मैंने उसे दिया और उसने उससे अपना हाथ साफ़ कर क्लास से बहार जाके अपना हाथ धोकर आ गया।  अभिषेक ने कई बार ऐसे ही मेरे क्लास में लंड को हिलाता रहता था। 

और मुझे उसमे बहुत मजा आता था।  हम स्कूल के बाद भी कांटेक्ट में रहे।  

स्कूल पास करने के बाद करीब 3 साल बाद हमने बात की।  अभिषेक अब पूरा ही बदल चूका था वो पूरा लड़कियों की तरह दिखने लगा था।  

वो पतला सा और लम्बे बाल और पूरी लड़कियों वाली चाल।  मुझे याद हैं जब हम मिले थे तो मैं उसे पहचान नई पाया था।  

3 साल में वो इतना बदल गया था।  हम दोनो मिले मैं अभिषेक को अपने घर पर लेकर आया।  हम बैठे माँ हम दोनों के लिए पानी ले और फिर माँ ने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा की ये  कौन।  

मैंने माँ को बताया की हम दोनों स्कूल में साथ में पढ़ते थे और आज ये मुझे रास्ते में मिला तो मैं इसे घर पर ले आया। कुछ देर हम बैठे और फिर अभिषेक घर चला गया। 

 हमने बहार खाने पिने का प्लेन बनाया।  कुछ दिन बाद अभिषेक का कॉल आया और कहा की आज कही बहार चलते हैं और कुछ एक एक बीयर पीकर आते हैं। 

 मैं अपनी कार लेकर अभिषेक को लेने गया और हमें बैठके बीयर पि।  पिने के बाद हमारे नशे हो गए थे।  हम दोनों स्कूल की बाते करने लगे बाते करते करते अभिषेक का हाथ मेरे लंड की और बढ़ा।  

मैं समझ गया था की वो फिर से मेरे लंड को हिलायेगा।  लेकिन इस बार उसने मेरी शीट निचे कर मेरे पेंट की चैन खोली और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।  

वो मेरे लंड को जैसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा।  कुछ देर चूसने के बाद वो लंड को फिर से हिलने लगा।  बीयर  पिने के बाद मुझे तो नशे हो गए थे तो मेरा झड़ने का तो कोई मतलब ही नहीं था। 

मैंने कार चालू की और एक पार्क के बहार लगा दी फिर मैंने अभिषेक को पीछे लेकर गया और उसकी पेंट खोल उसकी गांड में अपना लंड डालने लगा।  

अभिषेक को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन गांड मरवाने का शोक भी पूरा करना था उसे।  जैसे ही कुछ देर तक जब मैंने अभिषेक की गांड मारी और फिर मैंने उसकी गांड इ ही अपना वीर्य निकाल दिया था। 

 अभिषेक उसके बाद से कई बार पार्टी करने के लिए घर पर भी आया और फिर मेरे साथ में वो अपनी गांड मरवाने का शोक भी पूरा करता था।  

तो दोस्तों यह थी मेरे गे दोस्त अभिषेक की कहानी।  आशा करता हूँ की आपको यह कहानी जरूर पसंद आयी होगी।  धन्यवाद।  

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