मालकिन की बड़ी बहु को धमाधम पेला

लंड और चूत के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित 22 साल का नौजवान लौंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चुत का पानी निकालने की ताकत रखता है। मुझे चूत का पानी निकालने का बहुत ज्यादा शौक है। अब तक मेरा लंड कई अच्छी अच्छी मालो का पानी निकाल चूका है।

                            मुझे जवान होती हुई कलियों के साथ साथ शादीशुदा माल भी बहुत ज्यादा पसंद है।यो कहे कि मुझे शादीशुदा माल को बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आता है।

                          अभी कुछ टाइम पहले मैं गांव में रह रहा था और यहाँ मैं मेरे लंड को भरपूर मज़ा दे रहा था।मेरी दो पडोसी भाभियां मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी।फिर कोचिंग करने के लिए मुझे कोटा आना पड़ा और यहाँ मैं रूम लेकर पड़ने लगा। फिर धीरे धीरे मेरे लंड को चूत में खलबली मचाने की इच्छा होने लगी।

                  तभी मेरी नज़र मेरे मकान मालिक की बड़ी बहु यानि महिमा भाभी पर पड़ी और फिर मैंने महिमा भाभीजी को बजाकर उनकी चूत में मेरे लंड का पानी निकाल दिया। मैने ” मकान मालकिन की बड़ी बहु को बजाया” और ” मकान मालकिन की बड़ी बहु को जमकर बजाया” में आपको बताया था कैसे मैने भाभीजी को बजाया था।

                              ये उस टाइम हुआ था जब मेरे मकान मालिक और उनकी छोटी बहू यानि प्रतिभा भाभीजी दो दिन के लिए बाहर गए हुए थे।इस टाइम में भाभीजी अकेली थी और मेरे उनके साथ संबंध बन गए।

                              महिमा भाभीजी लगभग 40 की है। वो दो बच्चों की मां है लेकिन फिर भी उन्होंने खुद को अच्छी तरह से मेंटेन कर रखा है। भाभीजी घर की सबसे शालीन बहु है।घर में उनकी सभी अच्छे से इज़्ज़त करते है। भाभीजी बहुत ही गौरी चिकनी है।भाभीजी के बोबे लगभग 34 साइज के है।वो हमेशा अपने बोबो को ढककर रखती है। मैंने भाभीजी के बोबो को खूब  चुसा था।

                              महिमा भाभीजी के बोबो के नीचे उनकी 32 साइज की कमर बहुत ही ज्यादा सेक्सी है।कमर के ऊपर भाभीजी का गौरा चिकना पेट एकदम मखमल जैसा है। भाभीजी की कमर के नीचे 34 साइज की भाभीजी की गांड किसी भी लण्ड को पागल कर सकती है। भाभीजी की गांड की गोलाई साड़ी में अच्छी तरह से नज़र आती है। मैंने भाभीजी की गांड में खूब लण्ड पेला था।

                             अब मकान मालिक और प्रतिभा भाभीजी के आने के बाद मुझे महिमा भाभीजी को फिर से चोदने का मौका नही मिल रहा था। दो चार दिन के बाद ही मेरा लण्ड भाभीजी की चूत चोदने के लिये तड़पने लगा। अब मैं फिर से भाभीजी को चोदने के लिए तड़पने लगा था। मैं लण्ड का पानी निकाल निकालकर काम चला रहा था।तभी मैंने एक दिन शाम को भाभीजी को छत पर बुलाया।फिर बड़ी मुश्किल से भाभीजी मौका देखकर छत पर आई। भाभीजी को देखते ही मेरा लण्ड तनतना गया।

                “भाभीजी यार कुछ तो जुगाड़ भिड़ाओ ना।मैं बहुत परेशान हो रहा हूँ।”

भाभीजी– रोहित यार, अब सब आ गए है। अब कोई चांस नहीं है। हमारे बीच जो कुछ हुआ था उसे अब भूल जा।

                  ” भाभीजी मैं नहीं भूल सकता। जो कुछ हुआ वो बहुत ही मस्त था।आप कोई न कोई मौका बनाओ।”

भाभीजी– अब मै कोई रिस्क नहीं ले सकती यार। पहले तो कोई नहीं था तो सब अपने आप ही हो गया। लेकिन अब तुम देख रहे हो………

                     “भाभीजी रिस्क तो लेनी ही पड़ेगी। ऐसे कैसे काम चलेगा? मैं तो आपके लिए बहुत तड़प रहा हूँ।”

भाभीजी– अब यार कुछ नहीं हो सकता। और तू मेरे आस पास मत मंडराया कर, अगर किसी को कुछ शक हो गया ना तो सारा भांडा फुट जायेगा।

                     “भाभीजी मैं आपके आस पास नहीं मंडरूँगा लेकिन आप कोई मौका दो ।”

भाभीजी– मौका मिलेगा तो मैं बता दूंगी।

                               इतना कहकर भाभीजी वापस चली गई। मैं बस लण्ड मसलता ही रह गया। फिर ऐसे ही भाभीजी के मौके का वेट करते करते चार पांच दिन निकल गए लेकिन मुझे भाभीजी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैं भाभीजी को चोदने के बहुत परेशान हो रहा था।मेरा लण्ड बुरी तरह से कुलबुला रहा था।

                             एक दिन दोपहर का टाइम था। बच्चे स्कूल गए हुए थे और प्रतिभा  भाभीजी बाहर गई हुई थी और उनकी सास पूजा पाठ करके सो रही थी। तभी महिमा भाभीजी नहाकर कपडे सुखाने के लिए छत पर आई। उनके जिस्म से पानी की बुँदे अभी भी नीचे टपक रही थी।उनके बाल खुले हुए थे।

                                 मेरा रूम छत पर ही था।अब भाभीजी को चोदने के लिए मुझे ये सबसे अच्छा चांस लगा। अब जैसे ही भाभीजी कपड़े सुखाकर वापस आई तो मैंने झट से भाभीजी को कमरे में खीच लिया और तुरंत गेट बंद कर दिया। मेरे इस झटके से भाभीजी बहुत बुरी तरह से डर गई।डर के मारे उनकी गांड फटने लगी।

                   ” रोहित ये क्या कर रहा है ? मरवाएगा क्या मुझे।”

मैं– कुछ नहीं होगा भाभीजी बस आप थोड़ी देर रुक जाओ।

                    ” नहीं यार तु तो मुझे जाने दे। सासुजी यही ही है।”

मैं–वो सो रही है।आप उनकी टेंशन मत करो।

                              तभी मैंने भाभीजी को उठाकर चारपाई पर पटक दिया और मैं फटाफट से भाभीजी के ऊपर चढ़ गया।अब मैंने तुरंत भाभीजी के रसीले होंठो को मेरे होंठो में भीच लिया और ताबड़तोड़ तरीके से भाभीजी के होंठो को चूसने लगा। भाभीजी बहुत ज्यादा डर रही थी।कुछ ही देर में कमरा पुच्च ऑउच्च आउछ पुच्छ ऑउच्च  की आवाज़ों से गूंज उठा। 

             इधर भाभीजी की जिस्म की खुसब से मैं पागल हो रहा था।उनके गीले बदन से बहुत ही नशीली खुशबु आ रही थी। फिर कुछ ही देर में मैंने भाभीजी के होंठो को बुरी तरह से चुस डाला।

                               अब मैं भाभीजी के गले पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। भाभीजी मुझे दूर हटाने लगी लेकिन मैं भाभीजी पर काबिज हो चूका था।

भाभीजी– रोहित छोड़ मुझे कोई आएगा यार।

                              मैं भाभीजी की कोई बात नहीं सुन रहा था। मैं तो बस भाभीजी के गले पर झमाझम किस कर रहा था। भाभीजी बार बार मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी। अब मैंने झट से भाभीजी की साड़ी के पल्लू को हटा दिया और उनके ब्लाउज के हुक खोलने लगा।

भाभीजी– रोहित यार रहने दे ना।कोई आ जायेगा।

मैं– कोई नहीं आयेगा भाभीजी। आप डरो मत यार।

                           तभी मैंने भाभीजी के बलाउज के हुक खोल दिए और उनकी ब्रा को ऊपर सरकाकर भाभीजी के गौरे चिकने बोबो को बाहर निकाल लिया।भाभीजी के बोबे बाहर आते ही मेरी आँखों में चमक आ गई।

                       आह! बहुत दिनों बाद मुझे भाभीजी के बोबो के दर्शन हुए थे।अब मैं भाभीजी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा।आज बहुत दिनों के बाद मै भाभीजी के बोबो को मसल रहा था।अब भाभीजी की दर्द से गांड फटने लगी।

                     ” उन्ह आहा आहा अआईईई उन्ह आईईईई धीरेरेरेरे धीरेरेरे…… आहाहाह आह्ह।”

मैं– ओह भाभीजी दबाने दो।आहा बहुत मज़ा आ रहा है।

                    मैं जल्दी जल्दी भाभीजी के बोबो को दबा रहा था।मै भाभीजी के बोबो को बहुत बुरी तरह से निचोड़ रहा था।फिर कुछ ही पलों में मैंने भाभीजी के बोबो को बहुत बुरी तरह से रगड़ डाला।

                “आईईई अआईईई उँह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह रोहित यार अब जल्दी कर।”

                               तभी मैंने भाभीजी के बोबो को मुँह में लिया और फिर बुरी तरह से उन्हें चूसने लगा। आहा! आज मैं बहुत दिनों के बाद भाभीजी के बोबो को चुस रहा था। लंबे वेट  के बाद भाभीजी के बोबे आज मुझे मिले थे। मैं झमाझम भाभीजी के बोबो को चुस रहा था।बोबे चूसने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

भाभीजी– रोहित जल्दी जल्दी चुस ले यार।

                          भाभीजी की तो डर के मारे गांड फट रही थी। मैं तो भाभीजी के बोबो को चूसे जा रहा था। फिर कुछ ही देर में मैंने भाभीजी के बोबो को निचोड़ डाला।

                         अब मैं नीचे सरका और भाभीजी के पेटिकोट में हाथ डालकर  उनकी चड्डी खोल फेंकी।अब मैंने तुरंत मेरा पाजामा खोल फेंका और मेरा लण्ड भाभीजी की चूत में घुसने के लिए तैयार था। अब मैंने तुरंत भाभीजी की टांगो को मेरे कंधो पर रखा और मैंने तुरंत भाभीजी की चूत पर लण्ड सेट कर दिया। 

                      अब मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड भाभीजी की चूत के अस्थि पंजर को ढीला करता हुआ अंदर घुस गया। चूत में लण्ड घुसते ही  भाभीजी चिल्ला पड़ी।

                 ” आईईईई आईईईई आह्ह आहा बहुत दर्द हो रहा है यार।आईईईई।”

                               अब मैं तुरंत भाभीजी की चूत में झटके मार मारकर भाभीजी को चोदने लग गया।आज बहुत दिनों के बाद मेरे लण्ड को ठंडक मिली थी। मै अब तो जमकर भाभीजी की चूत बजा रहा था।भाभीजी की अब दर्द और डर के मारे गांड फट रही थी।

भाभीजी– आह्ह आह्ह आईईईईई आह्ह आह्ह आईएईई सिससस्स उन्ह आईईई सिससस्स आह्ह आहा आह्ह धीरे धीरे ……ओह आहा आहाहाह…… मर गई।आईईईई गाईईई आह्ह आह्ह।

                               अब मैं भाभीजी को जमकर चोद रहा था।आज बहुत दिनों के बाद मेरे लंड की इच्छा पूरी हो रही थी।भाभीजी को चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लण्ड के भयंकर धक्कों से चारपाई चुड़ चुड़ कर रही थी। मै भाभीजी को फुल स्पीड में बजा रहा था।

भाभीजी– अआहः आहहह आह्ह आईईईई आह्ह अआहः आह्ह ओह रोहित,,,आहा आह्ह ओह मम्मीi मर गईईईई।आहा आह्ह धीरे धीरे…….

                            आज मेरा लंड भाभीजी के ऊपर कहर बनकर टूट रहा था। अभी अभी नहाकर आई भाभीजी पसीने से लथपथ हो चुकी थी। फिर कुछ ही देर में मेरे लंड की धुआंधार धक्कों के आगे भाभीजी पानी पानी हो गई और उनकी चूत सफ़ेद माल से भर गई।

                            मैं अभी भी भाभीजी को बिना रुके और बिना थके झमाझम चोद रहा था।फिर कुछ देर बाद मैंने भाभीजी की टांगो को कंधो पर से उतारा और उन्हें फोल्ड कर दिया। अब मैं भाभीजी को फोल्ड करकर झमाझम चोदने लगा। भाभीजी को फोल्ड करके चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

भाभीजी– अआहः अआह उन्ह सिससस्स आह्ह अहह आह्ह आईईईई आईईईईई मर गईईईई। रोहित जल्दी कर यार।

मैं– हां भाभीजी बस कर ही रहा हूँ।

                            फिर मैंने थोड़ी देर भाभीजी को फोल्ड करके बजाया।अब मैं भाभीजी को चारपाई से नीचे उतार लाया और उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा।अब भाभीजी जल्दी से चारपाई को पकड़कर घोड़ी बन गई।अब मैंने भाभीजी के पेटिकोट और साड़ी को उनकी कमर पर खिसका दिया और लंड उनकी चूत में सेट कर दिया।

                        अब मै भाभीजी की कमर पकड़कर उन्हें फिर से चोदने लगा। आहा! दोपहर में भाभीजी को चोदने का मज़ा ही अलग आ रहा था।मैं और भाभीजी पसीने से नहा चुके थे। मैं गांड हिला हिलाकर भाभीजी की चूत में लंड पैल रहा था।

भाभीजी– आहा आह्ह आहा आईईईई आहा आह्ह उन्ह आईईईई आईईईई सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह।

मैं– ओह भाभीजी आहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आहा आह्ह।

                               मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को घोडी बनाकर चोद रहा था। तभी कुछ ही देर में भाभीजी फिर से पानी पानी हो गई। उनकी चूत से रस नीचे बहने लगा।मैं लंड को फुल स्पीड में भाभीजी की चूत में  अंदर बाहर कर रहा था।

भाभीजी– आहः अआह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह।

                             मैं दे दना दन भाभीजी को पेल रहा था। मेरा लंड फिर से भाभीजी की दमदार ठुकाई कर रहा था। भाभीजी तेज़ तेज़ सांसे ले रही थी।भाभीजी की चीखे पुरे रूम में गूंज रही थी।

भाभीजी– आहा आह्ह आह्ह अआईईई उँह आह्ह आहा ओह आहा आहहह आईईई रोहित जल्दी कर यार।

मैं– हां भाभीजी।

                              मैं  भाभीजी की चूत का पूरा मज़ा ले चुका था।अब मैंने भाभीजी की चूत में से लण्ड बाहर निकाला और फिर इसे भाभीजी की गांड में सेट करने लगा। तभी भाभीजी मना करने लगी।

भाभीजी– रोहित यार अभी इसमें मत डाल।बहुत दर्द होगा। बाद में कभी डाल लेना।

               “नहीं भाभीजी मैं तो आज ही डालूंगा।”

                            अब भाभीजी क्या करती? वो चुप हो गई।तभी मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड दन दनाता हुआ भाभीजी की गांड में घुस गया। गांड में लंड के झटके से भाभीजी बुरी तरह से झल्ला पड़ी।

भाभीजी– अआईईई आईईई आईईई सिससस्स मर गईईईई, आह्ह आह्ह आह्ह आईईई।

                               अब मैंने भाभीजी के गीले बाल पकडे और भाभीजी की गांड मारने लग गया। भाभीजी की गांड में सैर करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं झमाझम भाभीजी की गांड में लंड पेल रहा था।

मैं– आह्ह आह्ह ओह भाभीजी आहा बहुत अच्छा लग रहा है।आहा आहा।

                    भाभीजी” आईईईई आईईई उन्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईई।”

                            मेरा लण्ड फुल स्पीड में भाभीजी की चूत में घुस रहा था। तभी कुछ ही देर में भाभीजी की चूत से रस बहने लगा। भाभीजी पानी पानी होकर पसीने में फिर से लथपथ हो चुकी थी। मुझे तो भाभीजी की गांड मारने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भी पसीने में भीग चूका था।

भाभीजी– आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आईएईई आहहह आह्ह आईईईई ओह उन्ह,,,जल्दी कर यार।अहह आह्ह।

                               भाभीजी को भागने की बहुत ही ज्यादा जल्दी थी। तभी मैंने भाभीजी को वापस चारपाई पर पटक दिया और उनकी टांगो को मेरे कंधो पर सवार कर लिया। अब मैंने भाभीजी की चूत में लंड डाला और मैं फिर से भाभीजी को चोदने लगा। भाभीजी फिर से दर्द भरी चीखे निकालने लगी।

भाभीजी– आह्ह आह्ह उन्ह आह्ह बस यार रोहित अब रहने दे,, आईईईई अआईईई,, बसस्ससस्स आहहह आह्ह।

मैं– हां भाभीजी बस थोड़ी देर और।

                             मैं भाभीजी की चूत में जमकर लण्ड पेल रहा था। मुझे भाभीजी को बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लण्ड के झटकों से चारपाई फिर से चुड़ चुड़ करने लगी थी।

भाभीजी– आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह उन्ह आह्ह।

                               फिर ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लंड भी पिघलने वाला था। अब मैंने भाभीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचाना शुरू कर दिया।अब भाभीजी बुरी तरह से चिल्लाने लगी।

भाभीजी– अआईईई आईईईई आईईईई ओह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्स अआईईई आईईईई आईईई।

                          मेरा लण्ड भाभीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था।मुझे भाभीजी को कसकर चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मेरा लंड भाभीजी की धुआंधार चुदाई कर रहा था।

भाभीजी– अआईईई अआईईई आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह बसस्ससस्स आह्ह आह्ह आहाहाह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह बसस्ससस्स।

                            मेरा लण्ड  भाभीजी की हालत खराब कर रहा था। तभी भाभीजी की चूत एकबार फिर से गरमा गरम माल से भर गई।अब पछ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आने लगी।फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद मेरा लंड भी झड़ने वाला था।अब मैंने भाभीजी को कसकर दबाया और फिर उनकी चूत को मेरे लंड के पानी से भर दिया।

                              लंड का पानी निकलते ही भाभीजी फटाफट से उठी और बलाउज के हुक लगाने लगी।फिर भाभीजी ने जल्दी से पेंटी से पहनी और साड़ी को ठीक कर किया।मैं अभी तक चारपाई पर ही पड़ा हुआ था।अब भाभीजी ने बाल्टी उठाई और तुरंत मेरे कमरे से निकलकर नीचे चली गई।

                              भाभीजी को आज मैंने बहुत दिनों के बाद चोदा था।आज भाभीजी को चौदकर मैं बहुत ज्यादा खुश था।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये–  rohitwrong24@gmail.com

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