हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 6

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हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 5

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आज संडे का दिन था और मैं कल रात नाइट की थकान की वजह से अभी सो रही हूं।

जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा की घड़ी में दिन के 1:00 बज रहे हैं।

मैं बिस्तर से उठी और बाथरूम में जाकर नहाने लगी, मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था।

मैंने जो कल किया था वह मेरे लिए एक अजीब सा अनुभव था।

ऐसी चीज को मैं अपनी आदत नहीं बनाना चाहती थी।

एंजॉयमेंट और एडवेंचर के लिए तो यह सब ठीक है , इससे ज्यादा मेरे लिए यह सब ठीक नहीं है।

मैं बाथरूम से नहा कर बाहर आई, आईने के सामने आकर अपने आपको  देखने लगी।

और कल रात का सोचकर इमेजेस कर रही थी कि कैसे एक साथ मेरी चुत और गांड में दो लंड एक साथ घूम रहे थे।

यह सोच कर मुझे बहुत खुशी हो रही है दर्द तो बहुत हुआ पर पर उससे कहीं ज्यादा खुशी का अनुभव हुआ।

मैंने कपड़े पहने और खाना बनाया, और खा कर फिर से बिस्तर पर लेटे गई और सो गई।

1 घंटे बाद मेरी आंख खुली और में टीवी देखने लगी, कुछ देर टीवी देखने के बाद मैंने अपना मोबाइल फोन देखा ।

में फिर से उस डेटिंग साइट पर गई जैसे ही मैंने डेटिंग साइट खोलें मैं आश्चर्यचकित रह गई।

वहां मैंने देखा सोम और वीर ने मुझे कल की सर्विस के लिए पूरे स्टार दिए हैं, और मेरी लिए बहुत अच्छे-अच्छे कमेंट किए है

उन कमैंट्स को पढ़कर ऐसा लग रहा था कि वह मेरी सर्विस से बहुत खुश हैं उन्होंने मेरे साथ बहुत इंजॉय किया होगा

फिर मैंने अपना कोई कॉइन अमाउंट देखा, वो कुछ बड़ा हुआ लग रहा था तो मैंने चेक किया तो देखा उन दोनों ने मुझे कुछ टिप्स भी दिए थे

मैंने उन कॉइन को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया वह ₹35000 के रूप में मेरे खाते में आ गए ।

अगले दिन मैं ऑफ़िस गयी तो सर आये हुए थे। उनकी नजर मेरी चुची पर थी जिसे मैंने देख लिया और सर को देख कर मुस्कुरा उठी।

थोड़ी देर में सर ने मुझे अपने केबिन में बुलाया। मैं जब गयी तो सर ने मुझे बाहों में ले लिया और मेरे होंठों को चूम लिया।

मैंने भी सर को बांहों में लेकर किस किया।

बॉस- सीमा मेरी जान, तुम्हारे लिये लंड तड़प रहा है।

मैं- क्यूँ सर? बीवी के मुँह का छेद भी ढीला कर दिया क्या आपने?

सर – तुम्हारी चुत चोदने के बाद इसको कोई और छेद अच्छा नहीं लग रहा है। तुम्हारी चुत बहुत टाइट है सीमा रानी। बहुत खूबसूरत चुत की मल्लिका हो तुम!

सर का इस तरह मेरी चुत की तारीफ करना मुझे अच्छा लग रहा था और मेरी चुत गीली होने लगी। मैंने शर्मा कर अपना चेहरा नीचे कर लिया।

सर ने मेरे चेहरे को ऊपर उठाया और मेरे होठों पर किस करते हुए मेरे हाथों को अपने लंड के ऊपर रख दिया। उनका लंड खड़ा हो गया जो मुझे पैंट के उपर से ही टाइट लग रहा था।

अब सर ने मेरे कान में कहा- सीमा, ये लंड तुम्हरा दीवाना है और हर समय तुम्हारे अन्दर रहना चहता है। मेरे लंड को प्यार करो।

मैं सर के लंड की दीवानी थी इसलिये मैं मना नहीं कर पायी और सर की पैंट की जिप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और सर के होठों को चूमते हुए लंड सहलाने लगी।

सर ने कहा- सीमा , चूसो मेरे लंड को!

मैंने कहा- सर, ऑफ़िस में कोई आ सकता है, आप शाम को घर आ जाइए।

सर ने कहा- ठीक है, पर मेरे लंड को तुम बहुत पसंद हो इसलिये लंड तुमको कुछ देना चहता है।

मैंने फिर लंड की तरफ देखा तो उसमें एक धागा सा बन्धा हुआ दिखा, पर क्या था मुझे नहीं दिखा।

सर – सीमा, मेरे लंड का गिफ्ट लोगी?

मैं- सर, आपका लंड ही मेरे लिये सबसे बड़ा गिफ्ट है।

सर – जाओ अपने गिफ्ट से गिफ्ट ले लो।

मैं नीचे को बैठ गयी और लंड को उठा कर देखा तो उसमें एक हीरे की अंगूठी बंधी हुई थी। यह देख कर मैं बहुत खुश हुई और सर के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। सर ने अपने लंड से मेरे मुंह को चोदना स्टार्ट कर दिया और मेरे मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया, जिसे मैं पी गयी।

फिर सर ने मुझे खड़ा किया और अंगूठी को मेरी उंगली में पहना दिया। अंगूठी बिल्कुल फिट आयी जिसे देख कर मैं बहुत खुश हुई और सर से पूछा- उनको मेरी उंगली का साइज़ कहाँ से मिला तो उन्होंने बताया कि उस रात जब मैं उनकी बाहों में सो रही थी तो सर ने मेरी उंगली का साइज़ ले लिया था।

मुझे सर का गिफ्ट और उनका तरीका बहुत अच्छा लगा, मैंने खुशी से उनको गले से लगा लिया।

मैं- तो सर आपने सिर्फ उंगली का ही साइज़ लिया था, और भी बहुत कुछ था आपके पास जिसका साइज़ ले सकते थे।

सर ने मेरी चुचियों को पकड़ लिया और दबा कर कहा- जानेमन, तुम्हारी बूब्स और गांड का साइज़ तो मैंने बहुत पहले ले लिया था। बस कन्फर्म करना था नाप कर। जो उस रात को कर लिया।

मैं- तो मेरी गांड और बूब्स का गिफ्ट कहाँ है?

सर – तुमको जो भी गिफ्ट मिलेगी वो तुम्हें तुरन्त पहन कर दिखानी है। बोलो तो दे दूं?

मैं समझ गयी कि मेरी बूब्स और गांड के लिये क्या गिफ्ट है और ऑफ़िस था इसलिये मैंने सर को बोला- घर पर लेकर आइए, फिर जो देखना हो, देख लेना।

सर – ओ के मेरी जान।

और फिर मैं अपना काम निपटा कर शाम को घर आ गयी।

सर भी अपने घर चले गए।

शाम को मैं अपने फ्लैट में बैठ कर टीवी देख रही थी, तब डोरबेल बजी। मैं जल्दी से खोलने को गयी तो देखा सर थे और उनके हाथ में एक गिफ्ट का पैकेट है।

मैं- सर बहुत जल्दी है गिफ्ट देने की।

सर – नहीं, गिफ्ट लेने की जल्दी है।

मैं- क्या मतलब?

सर – मतलब तुमको देखने की जल्दी थी।

मुझे लग रहा था कि सर के इरादे नेक नहीं हैं पर मैंने सोचा कि चुत में उंगली लेने से अच्छा है कि सर का लंड ही ले लूं।

फिर मैंने सर को चाय पिलाई और फिर हम बैठ कर बात करने लगे।

सर – सीमा , तुमसे दूर रहने का मन नहीं करता है।

मैं- सर आपके सामने ही तो हूँ।

सर – सामने हो पर दूर हो।

मैं उठ कर सर की गोद में बैठ गयी। अब सर ने मेरी चुची को पकड़ लिया और दबाते हुए मेरे होठों का रस पीने लगे।

फिर सर ने कहा- सीमा , तुम्हारी चुची 32 इंच की हैं ना?

मैं- जी सर… और अगर छोटी हुई तो आपके हाथों में हैं, बड़ी कर दीजिए!

सर ने मेरी टी शर्ट को ऊपर उठा दिया। मैं घर में ब्रा पेंटी नहीं पहनती हूँ इसलिये मेरे बूब्ज़ बॉस के सामने नंगे थे जिन्हें सर ने चूसना शुरू कर दिया।

मैं- चूस लीजिये सर मेरे निप्पलों को… जोर से काट लीजिये।

मैंने सर के सर को पकड़ लिया और उनके मुँह में अपने निप्पल डाल कर चुसवाने लगी।

सर : सीमा मेरी जान, मुझे तुमको इन कपड़ों में देखना है!

सर ने मुझे वो गिफ्ट पकड़ाते हुए कहा.

मैं- सर ये अंडरगार्मेण्ट्स हैं ना?

सर- हां… तुम पर अच्छे लगेंगे!

मैं- अंडरगार्मेण्ट्स तो नंगे होकर पहनते हैं पर अभी मैं नंगी नहीं हूँ सर!

सर मेरा मतलब समझ गये और मेरी टीशर्ट के साथ मेरी लैगी को निकाल दिया। अब मैं सर के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, मेरी चुत बिल्कुल गीली हो गयी थी।

सर ने मेरी चुत को सहलाया और उंगली डाल कर चुत का रस निकाल लिया और चाट लिया ‘उम्माह’

सर ने दोबारा मेरी चुत में उंगली घुसा कर मेरी चुत का रस निकाला और इस बार उन्होंने वो उंगली मेरी तरफ करदी , मैं अपनी ही चुत का रस चाट गई.

इसने बाद सर ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे  किस करने लगे.

करीब पांच मिनट बाद सर ने मुझे छोड़ा और बोले- सीमा, अब तो तुम बिल्कुल नंगी हो अब इन्हें पहन कर दिखाओ।

मैं- ओके सर।

मैंने वो गिफ्ट उठा लिया और अन्दर के कमरे में चली गयी. जब मैंने गिफ्ट खोला तो देख कर दंग रह गयी, उसमें एक डोरी वाली ब्रा थी जिसमें दो तिकोने छोटे छोटे से कपड़े लगे हुए थे।

मैंने उस ब्रा को पहन लिया तो उससे मेरे निप्पल तो ढक गये और बाकी सब कुछ यानि मेरी पूरी चुचियाँ नंगी दिख रही थी।

फिर मैंने पेंटी उठायी जिसमें नीचे की साइड जहाँ चुत का छेद होता है वहाँ 5 इंच सा प्लास्टिक का लंड जुड़ा हुआ था और पीछे कमर तक एक मोतियो की डोरी थी।

जब मैंने उसे पहना तो वो लंड मेरी चुत में घुसने लगा, मैंने उसे अपनी चुत के अन्दर सेट कर लिया और मोतियों वाली डोरी मेरी गांड के छेद से चिपक गयी।

वो ब्रा और पेंटी रेड कलर में थी जो मेरे गोरे जिस्म पर बहुत खूबसूरत लग रही थी।

मैंने अपने आप को शीशे में देखा तो मैं बहुत सेक्सी लग रही थी।

प्लास्टिक का लंड मेरी चुत में एकदम सही फिट हो गया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

फिर मैंने अपने बदन पर ऊपर से गाऊन डाल लिया सर के पास जाने लगी। जैसे ही मैंने एक पैर उठाया, प्लास्टिक लंड थोड़ा सा ऊपर हूआ। और दूसरा पैर उठते ही वो और अन्दर घुस गया और मोतियों वाली डोरी मेरी गांड के छेद को रगड़ रही थी जो एक अजीब सी मस्ती दे रही थी मुझे।

मैं चलते चलते कमरे से बाहर निकली तो देखा कि अब तक सर ने अपने सारे कपड़े निकाल दिये थे और सिर्फ चड्डी में बैठ कर मेरा इन्तजार कर रहे थे। उन्हें देख कर मैं समझ गयी कि आज बहुत चुदने वाली हूँ।

मैं जब चल रही थी तो पेंटी वाला लंड मेरी चुत में घुस जाता और कभी थोड़ा बाहर को निकल जाता। इस तरह मैं उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लास्टिक के 5 इंच के लंड से चुदते हुए चल रही थी।

मुझसे ठीक से चला नहीं जा रहा था जिसे सर देख कर मुस्करा रहे थे। और फिर सर मेरे पास आ गये और मेरे होठों को चूम लिया।

मैंने भी सर को बांहों में लिया और किस करने लगी।

अब सर ने मेरे गाऊन को उतार दिया और मेरे जिस्म को देखने लगे।

मुझे बहुत शर्म आ रही थी पर मैं वापिस कमरे में नहीं जा सकती थी चूत में घुसे हुए लंड की वजह से।

मैं आधी नंगी सर के सामने खड़ी थी और सर मेरे चारों तरफ घूम कर मेरे नंगे जिस्म को देख रहे थे। फिर उन्होंने मेरे चूतड़ों को पकड़ कर फैला दिया और मेरी गांड के छेद को देखने लगे।

फिर सर ने मेरी चुचियों को ब्रा के ऊपर से पकड़ लिया और खींच कर सोफे की तरफ ले जाने लगे।

मैं जैसे जैसे चल रही थी, मेरी चूत प्लास्टिक के लंड से चुद रही थी जिससे मैं बहुत उत्तेजित हो गयी और सर को पीछे से पकड़ कर झड़ गयी।

मैं- सर पेंटी बहुत चुभ रही है, निकाल दूं क्या?

सर – नहीं मेरी जान, आज ये लंड तुम्हारी चूत को प्यार करेगा।

अब सर सोफे पर बैठ गये और अपना लंड चड्डी के ऊपर से दिखाने लगे.

सर – सीमा, तुम मेरे लंड से प्यार करती हो?

मैं- हाँ सर!

सर- कितना?

मैं- बहुत प्यार करती हूँ, चाहती हूँ कि आपका लंड हर वक्त मेरे छेद में घुसा रहे। मैं आपके लंड को चूसती रहूँ।

सर- तो आओ, मुझे नंगा करो और मेरा लंड अपने मुंह में ले लो।

मैं नकली लंड चूत में लिये हुए दूसरा असली लंड मुँह में लेने के लिये चल दी. अब मैं नीचे बैठ गयी सर का लंड चूसने के लिये।

और जैसे ही मैं बैठी, वो प्लास्टिक का लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ और अन्दर घुस गया जिससे मेरा मुँह खुल गया, अब सर ने तुरन्त मेरे खुले हुए मुँह में अपना लंड डाल दिया और मेरे मुंह को चोदना शुरू कर दिया।

मुझे अच्छा लग रहा था इसलिये मैं कमर उछाल उछल कर सर का लंड चूसने लगी और चूत को प्लास्टिक के लंड से चुदवाने लगी।

अब मेरी चूत में प्लास्टिक का लंड था और मुँह में सर का लंड।

10-15 मिनट तक सर के लंड से मुंह और प्लास्टिक लंड से चूत चुदवाने के बाद मैं दुबारा झड़ गयी।

फिर मैंने सर को बोला- सर, प्लीज मुझे अपने लंड से चोद दीजिए।

सर ने मुझे अपनी बांहों में उठा लिया और कमरे में बेड पर लिटा दिया। फिर मेरे जिस्म पर लेट कर मेरे होंठों को चूसने लगे, मैंने भी सर को बांहों में ले लिया।

अब सर मेरी ब्रा निकाल कर मेरे एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगे और हाथ से मेरी पेंटी को खींचने लगे जिससे मेरी गांड में मोती रगड़ मारने लगे और मैं बहुत उत्तेजित हो गयी।

अब सर ने मेरी चूत से प्लास्टिक का लंड निकाला और उसको मेरे मुँह में दे दिया।

जब मैंने वो लंड चूसना शुरू किया तो उसमें से मेरी चूत का रस मेरे मुँह में आया। मैंने देखा कि उस प्लास्टिक के लंड में सुपाड़े पर एक छेद था जिसमें से मेरी चूत का रस उसमें भर गया था। मैंने सर को देखा और स्माइल किया।

सर – सीमा मेरी जान, मैं लंड तो नहीं चूसता हूँ पर तुम्हरा रस पीना चाहता हूँ, पिलाओ मुझे!

मैंने उस लंड से पूरा रस अपने मुंह में खींच लिया और सर के मुँह में अपना मुँह डाल कर पूरा रस सर को पिला दिया।

सर को अच्छा लगा।

अब सर ने मेरी चूत को फैला दिया और उसको चाटना शुरू कर दिया। मुझे अच्छा लग रहा था इसलिये मैंने सर के सर को पकड़ लिया और उनके मुँह में अपनी चूत को रगड़ दिया। सर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसा कर चूसने लगे।

फिर सर ने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे चूतड़ों को फैला कर मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया। मुझे सर से गांड चटवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिये मैं मजे से “आह्ह ऊओह्ह्ह सक माय एस!” की आवाज के साथ सर को सपोर्ट कर रही थी मेरी गांड चाटने में।

अब सर ने कहा- सीमा , लंड लोगी चूत में?

मैंने तुरन्त हाँ कह दिया, मैं तो पहले से ही असली लंड से चुदाने के लिए तड़प रही थी और सर को कह भी रही थी.

तो सर ने मेरी कमर को पकड़ कर उठा दिया जिससे मैं कुतिया बन गयी और सर ने मेरी चूत में अपना मूसल लोडा पेल दिया, मेरा मुँह खुल गया, मैं चीखू नही इसलिये सर ने वो प्लास्टिक का लंड मेरे मुँह में डाल दिया और चूसने को कहा।

अब सर मेरी चूत चोद रहे थे और मैं एक नकली लंड चूस रही थी।

सर – सीमा , तुम्हारी गांड बहुत टेस्टी है।

मैं- सर आपसे गांड चटवाने के लिये ही उसको टेस्टी बनाया है।

सर – सीमा , तुम अपनी गांड मरवाओगी मुझसे?

मैं- सर से मजाक के पुर में आ गई और बोली सर डर लगता है! गांड फट जायेगी मेरी।

तो सर  ने कहा- नहीं फटेगी, इसका इलाज है मेरे पास! बताओ सीमा , गांड मार कर देखते हैं, गांड मरवाओगी?

मैंने सोचा कि एक दिन गांड तो मरवानी ही है सर से , तो आज ही मरवा लेती हूँ, मैं बोली- ओके सर, पर प्लीज दर्द मत देना ज्यादा!

सर – सीमा , वेसलिन या कोई क्रीम है?

मैं- जी सर, ड्रावर में रखी है।

सर ने वेसलिन की डिब्बी लेकर मेरी गांड पर वेसलिन लगा दी और अब मेरी चूत को चोदने लगे।

चुद चोदते हुए सर ने गांड में ढेर सारी क्रीम अपनी एक उंगली से भर दिया और गांड को उंगली डाल कर फैलाने लगे।

मैं अपनी चूत चुदवा रही थी इसलिये मुझे दर्द नहीं हो रहा था और गांड में बहुत मजा आने लगा था। अब सर ने मेरी गांड में दो उंगलियाँ घुसा दी। फिर सर ने मेरी गांड को दूसरे हाथ से सहलाना शुरू कर दिया।

सर – सीमा बेबी, वो लंड मुझे दो।

मैंने प्लास्टिक का लंड सर को दे दिया।

मैं- सर मेरे मुँह में लंड चाहिये मुझे।

सर- अभी सिर्फ दो लंड हैं यहा पर नेहा डार्लिन्ग, गांड और चूत में लोगी या गांड और मुंह में?

मुझे चूत में ज्यादा अच्छा लगा और दोनों ऑप्शन में गांड में घुसवाना ही था तो मैंने बोल दिया कि चूत में लंड घुसा रहने दीजिये।

अब सर ने वो प्लास्टिक का लंड धीरे धीरे मेरी गांड में घुसाना शुरू कर दिया और मुझे बोला- अपने सांस मुँह से लेना और नाक से छोड़ना।

मैंने वैसे ही किया जिससे मेरी गांड खुलती जा रही थी और गांड में प्लास्टिक का लंड पूरा ही घुस गया। मैंने पीछे हाथ ले जाकर देखा तो पता चला 5  इंच का प्लास्टिक लंड पर मेरी गांड में था और मुझे घुसवाने में दर्द भी नहीं हुआ।

क्योंकि मैं पहले से ही अनुम से अपनी कुबारी गांड मरवा चुकी थी ।

मैं सर के इस काम की कायल हो गयी और सर को ‘आई लव यू…’ बोल कर अपनी चूत पीछे को धकेलने लगी जिससे अब मेरे सर को आराम मिला और उन्होंने मेरी चूत को मुझसे ही चुदवाना जारी रखा और पूरा ध्यान मेरी गांड पर लगा दिया।

सर ने कहा कि सीमा उस दिन तो तुमने कहा था कि तुम्हारी गांड अभी कुंवारी  है पर इसे देखकर तो लग रहा है यह चुद चुकी है ।

तो में बोली सर उस दिन तो कुंवारी ही थी पर बाद में मेरे बॉयफ्रेंड में मेरी कुंवारी गांड की सील तोड़ दी।

अब सर ने ढेर सारी वेसलिन मेरी गांड के छेद पर रख दिया और लंड बाहर निकाल कर फिर धीरे धीरे मेरी गांड में घुसा दिया।

अब तक मेरी गांड काफी फैल चुकी थी और यह बात सर को समझ आ गयी थी इसलिये सर ने जैसे ही प्लास्टिक का लंड गांड से निकाला, तुरन्त अपना मूसल लंड मेरी गांड में पेल दिया और दूसरा लंड चूत में पेल दिया।

उस समय यह समझ आ गया मुझे… कि प्लास्टिक का लंड कभी असली लंड की जगह नहीं ले सकता।

मैं दर्द से तड़प रही थी, मुझे मेरी गांड फटी हुई लगी। मैं सर के लंड को गांड में लिये ही लेट गयी बेड पर… और सर मेरी नंगी पीठ को चूमते हुए मेरे ऊपर लेट गये।

अब सर ने अपने एक हाथ को मेरे नीचे चुची पर लगा दिया और दूसरे हाथ से मेरे सिर को सहलाने लगे और मुझे चुप कराने लगे।

सर – मेरी जान को गांड में दर्द हो रहा है?

मैं – हां सर, प्लीज आराम से करना ।

सर- अभी ठीक हो जायेगी मेरी बेबी की गांड… सीमा मेरी जान तो मेरी लंड की दीवानी है ना?

मैं- हां सर, और में मजाक करते  हुई बोली लेकिन गांड नहीं मरवानी है।

सर ने मेरे होंठों पर होंठ रख दिये और मेरी चुचियों को दबाते दूसरे हाथ से मेरी चूत में प्लास्टिक के लंड को घुसाने लगे और फिर धीरे धीरे अपने लंड को हिलाना शुरु किया।

अब मुझे दर्द थोड़ा कम लग रहा था और मैं भी सर के जीभ को मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे धीरे मुझे मजा आने लगा और यह बात सर ने समझ ली तो मुझे उसी तरह उल्टा लिटा कर मेरी गांड में लंड ठोकने लगे।

अब सर ने मेरी चूत के नीचे एक तकिया रख दिया और दूसरा लंड मेरे मुँह में दे दिया जिसे मैं चूसने लगी। मेरी गांड थोड़ी ऊपर ऊठ गयी और सर का लंड आराम से मेरी गांड में घुसने लगा।

मुझे अच्छा लग रहा था गांड मरवाने में… मैं दूसरा लंड चूसते हुए गांड मरवा रही थी।

मैं- चोदिये सर, तेज तेज मेरी गांड को फ़ाड़ दीजिये। और तेज सर… मेरी चूत को मजा आ रहा है गांड मरवाने में।

सर – ले मेरी जान, तेरी गांड बहुत मस्त है सीमा। ऐसी गांड का हर कोई दीवाना है सीमा मेरी जान! तेरी गांड में ही लंड डाल कर रहूंगा जानेमन!

मैं- हां सर, मेरी गांड अपके लंड के लिये बनी है सर। मार लीजिये मेरी गांड! पूरा लंड घुसा कर ठोकिये गांड को।

अब सर का वीर्य निकलने वाला था, वे बोले- सीमा मेरी जान, मेरा पानी छुटने वाला है, कहाँ निकालूं?

मैं- सर, आज इस लंड पर मेरी गांड का हक है। मेरी गांड को भर दीजिये अपने वीर्य से!

सर – हां मेरी जान, तेरी गांड बहुत मस्त है। तेरे चूतड़ों को काट कर खा जाऊंगा सीमा मेरी जान!

मैं- काट लीजिये सर… प्लीज मेरी गांड मारिये जोर जोर से!

सर – सीमा रानी, तुझे रन्डी बना कर अपने लंड पर घुमाऊँगा मेरी जान, मेरी रखैल बन कर रहेगी हमेशा।

मैं- हां सर, मैं आपकी रखैल रन्डी सब बन जाऊंगी, मेरी गांड को फ़ाड़ दीजिये… और तेज मेरी गांड मारिये।

और फिर हम दोनो एक साथ झड़ गये, सर का वीर्य मेरी गांड में भर गया। मेरी गांड के अन्दर अभी भी सर का लंड था और सर मेरे नंगे जिस्म पर सोये हुए थे।

फिर सर उठे और मुझे बांहों में उठा लिया और बाथरूम में ले जाकर मेरी गांड को धोया।

मुझे पोट्टी आ गयी तो मैंने सर को बोला- सर, आप बाहर जाइये, मुझे टोइलेट करना है।

सर ने कहा- नहीं, मेरे सामने करो।

अब सर का हुक्म था तो मैं कैसे मना करती।

मेरे बाथरूम में कामोड वाला टोइलेट है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई और मैं पूरी नंगी थी तो मैं सीधा उस पर बैठ गयी और सर मेरे सामने अपना लंड धोने लगे।

अब सर ने मेरे मुँह में अपना लंड डाला जिसे मैं चूसने लगी।

फिर सर ने कहा- सीमा यार… मुझे सू सू आ रही है।

फिर मुझे ज्यादा ही उत्तेजना हो गयी और मैंने सर का लंड मुँह में ले लिया। अब सर मेरे मुँह में मूत कर रहे थे जिसे मैं पी रही थी। अजीब सा नमकीन और कसैला स्वाद था। पर थोड़ा ही था तो मैं पी गयी और फिर मैंने सर के लंड को चाट कर साफ कर दिया और फिर सर अपना खड़ा लंड लिये बाहर चले गये और सोफे पर बैठ गये।

मैं फ्रेश होकर अपने आपको धोकर बाहर आयी तो देखा बॉस शैम्पेन की बोतल लेकर बैठे हैं और उसको गिलास में लेकर पीने वाले हैं।

मैं- सर नहीं, रुक जाइए।

सर- यार, मुझे प्यास लगी है।

और सर ने पूरा ग्लास पी लिया।

फिर मुझे कहा- ये तुमने फ्रिज में नहीं रखा था क्या? इसका टेस्ट अजीब लग रहा है?

मैंने सर से कहा- मुझे पता नहीं था कि आप इसको दुबारा पिएंगे और मैंने इस बोतल को चूत में लिया था और सूसू आ गयी थी जिससे इसमें मेरी सुसु भर गयी थी।

फिर सर ने मुझे अपने गोद में बिठा लिया और मेरी चुचियों को सहलाते हुए कहा- यार तेरी सू सू तो डायरेक्ट पीने वली चीज है चूत से… शैम्पेन में डाल कर क्यों बर्बाद कर दी?

मैं कुछ नहीं बोली, बस सर को गले से लगा लिया।

अब हम दोनों ने खाना मंगवाया और नंगे ही खाया.

फिर खाना खा कर सर अपने घर चले गये, मैं भी नंगी ही सो गयी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस हॉट सीमा 2 हार्ड सेक्स कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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