चाची की खुशबूदार चूत – 2

अगली सुबह चाची उठी और सब कुछ बाकि दिनों की तरह चल रहा था! उन्हें कुछ भी पता नहीं चला की रात में क्या हुआ था! मैं कॉलेज से आते वक़्त कंडोम का डिब्बा ले आया क्युकी मुझे पता था!

वो रात दोबारा आएगी! मैं काफी दिनों तक उस रात का इन्तजार कर रहा था!

वैसे तो वो हर रात पीकर सोती थी पर ज्यादा पीकर सोने वाली रात आखिरकार आ गयी!

उस रात चाचा से उनकी बहस हुई और टेंशन में उन्होंने ज्यादा पीली! मैं फिर अंदर गया और आवाजे करने लगा चेक करने के लिए की वो उठती है या नहीं!

पर वो उस दिन की तरह ही बेहोश थी! इस बार काली नाइटी पहनी थी और अंदर से कुछ वो रात को कभी नहीं पहनती थी!

मैं उनके पास गया और मैंने सीधा उनके होंठो को चूमना शुरू करदिया!

मुझे पता था की वो नहीं उठेंगी फिर भी मैं सावधानी के साथ उनके साथ मजे लेता रहा!

आज मेरा पास कंडोम भी था, चाची मुँह खोलकर सोई हुई थी!

मैंने अपने लंड को बहार निकला और उनके मुँह में डालने लगा!

जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वो उतना बड़ा मुँह खोल रही थी!

आखिर में मेरा लंड उनके मुँह में चला गया, वो गहरी नींद में थी और मैं उनके मुँह को चोद रहा था!

क्युकी वो सो रखी थी तो मैंने उन्हें ज्यादा देर लंड नहीं चुसवाया!

फिर मैंने उनके कपड़े खोल दिए और उनके बूब्स को धीरे धीरे चूसने लगा!

उनके निप्पल फिर खड़े हो गए थे और चूसने में अब ज्यादा मजा आ रहा था!

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था मैंने कंडोम पहना और उनकी टाँगे हल्की सी धीरे से खोलदी!

अब उनकी चूत साफ़ दिख रही थी और हलकी सी खुली हुई दिख रही थी!

मैंने धीरे से लंड चूत में डाला, मुझे बहुत घबराहट हो रही थी! लंड चूत में चला गया और मुझे इतना मजा आजतक नहीं आया, अमिन धीरे धीरे उन्हें चोद रहा था!

मेरी निगाहे उनकी आँखों पर तो कभी उनकी चूत पर थी! लंड धीरे धीरे अंदर बहार करने लगा और जैसे जैसे मैं गरम होने लगा मेरी हिम्मत बढ़ने लगी!

अब मैं उन्हें चोदते चोदते उन्हें किस और उनके बूब्स भी पकड़ने लगा!

मैं अब चरम सीमा पर आ चूका था और मैंने बूब्स थोड़ी तेजी से दबाये और मेरा सारा माल निकल गया!

मैंने घबरा कर उनकी तरफ देखा, वो नहीं उठी थी!

मैंने बहुत बड़ा रिस्क लिया उनके बूब्स जोश में तेजी से दबाकर!

पर मैं बच गया और मैंने धीरे से उनकी चूत से लंड निकाला, उन्हें कपड़े पहनाये और होंठो पर लास्ट किस करके सोने चला गया!

अगली सुबह सब नार्मल था किसी को कुछ पता नहीं चला और सब अपने अपने काम में व्यस्त थे!

मैं कल रात की तेज बूब्स दबाने वाली अपनी हरकत से घबराया हुआ था!

चाचा से लड़ाई होने के बाद चाचा बिज़नेस के सिलसिले में कहि दिन तक घर नहीं आये और चाची हर रात पीने लगी थी और नशे में सो जाती थी!

अब तो मानो मेरा रोज का हो गया होगा , मैं हर दिन उनके कमरे में रात को जाता और उनकी चुदाई करके चुपके से आजाता!

उन्हें कभी भी भनक तक नहीं पड़ी, करीब 3 दिन हो चुके थे और हर रात ये सिलसिला चलता था!

चौथे दिन भी ऐसा हुआ उन्होंने पी वो सोई और मैं उनकी चूत मारने जा रहा था की तभी चाची की आँखे खुल गयी!

अब आगे पड़े चाची की खुशबूदार चूत भाग-3 में !

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