दोस्त की गदराई बहन का मजा

हेलो भाई लोग  में आकाश सिंह ,आज मैं अपने दोस्त रौशन की बहन  कैसे चोदा वो बताऊंगा । रौशन की बहन का नाम रूपम है जो एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स का काम करती है। उसकी चूची 34, कमर 30, और गांड़ का साइज 36 है।देखने में एक दम गोरी चीटी जो बूढ़ा का भी लन्ड खड़ा कर दे। साली जब चूतड मटका कर चलती है ओय ..होय..पागल कर देती है कॉलनी का सब लोग जानता है की ये नर्स नाम की है ये नाइट शिफ्ट में डॉक्टर सब का लन्ड खाती है।

ैहुआ ये की रौशन को में पैसा दिया हुआ था जो वो लौटा नहीं पा रहा था । एक दिन हम और रौशन बाहर बैठे थे तभी उसकी दीदी रूपम हॉस्पिटल के लिए निकली , मैं रूपम दीदी को देख कर रौशन से मजाक मे  बोला  यार ये तुम्हारी दीदी का हमेशा नाइट शिफ्ट ही रहता है ,और जाती भी है एकदम सजधज कर क्या। रौशन मेरी तरफ देख कर बोला तुझे नहीं पता है की वो मरीज का नही डॉक्टर सब का देखरेख करती है रातभर। मैं बोला मतलब, वो बोला अरे भाई रात भर डॉक्टर सब से चुड़वाती है।में हकाबका  होकर उसका मुंह देखने लगा। में बोला हॉस्पिटल छोड़ वा उसका। रौशन मुंह बनाकर बोला जब जीजा जी को कोई प्राब्लम नही है तो हम क्या करे। मैं मन  ही मन मुस्कुराया,और पैसा का तगादा कर अपने घर आ कर  रूपम दीदी के नाम का मूठ मार कर लन्ड को शांत किया।एक दिन मौका देख हम रौशन को बोले देख भाई तेरा सारा पैसा मैं माफ कर दूंगा बस तू मेरा एक काम कर दे ,वो खुश होकर बोला काम बोल भाई। मैं एक सांस में बोला रूपम दीदी का  चूत दिला दे भाई। वो मुझे घूर ने लगा, मैं बोला देख वो रोज किसी ना किसी डॉक्टर से चुदाती ही है एक दिन हम चोद लेंगे तो  वो मर तो नही जायेगी ना।ये बोलकर मैं चला आया। 3 दिन बाद वो मेरे घर आया ,मुंह लटकाए हुए। मैं बोला पैसा लाया क्या। वो बोला नहीं .. आज शुक्रवार है ,रविवार को शाम में हॉस्पिटल पर चले जाना । बडी  मुश्किल से दीदी को मनाया । मैं बोला रुक भाई चाय बनाता हूं।वो चाय नहीं पिया और चला गया। । में रूपम दीदी को कैसे  कैसे चोदूंगा ये सोचते सोचते मूठ मारा और बाजार निकल गया।  रविवार को  रूपम दीदी को चोदने के उत्तेजना में मैं दोपहर में ही हॉस्पिटल पहुंच गया। वहा रूपम दीदी नही थी मैं रौशन को फोन कर ही रहा था की रूपम दीदी नीचे कार से डॉक्टर के साथ उतर रही थी। ऊपर हम को देख कर थोड़ा सकपका गई, मैं उनके पास गया तो वो गुस्सा कर बोली अभी क्यों आया है मैं रौशन को शाम में  बोला था। मैं बेशर्मी से बोला आप के साथ सेक्स करने को उतावला हु। वो बोली चल जा अभी बहुत डॉक्टर सब आया हुआ है शाम 7 बजे के बाद आना। मैं ढीठ होकर बोला दीदी  सब मजा  डॉक्टर सब पर ही नहीं लुटाइएगा कुछ जोश मेरे लिए भी रखियेगा और निकल गया।   रात 8 बजे दुबारा हॉस्पिटल पर गया तो रूपम दीदी दवा काउंटर पर थी मुझे देखकर बुलाया और दवा काउंटर के पीछे बने रूम मैं में ले गई ,और बोली इसी रूम में रहना मैं काउंटर पर किसी को बिठा कर आती हूं। भाई वो रूम नही अयाशी करने का रूम था। गदेदार डबल बेड सोफ़ा सेट टीवी साइड बने अलमीरा पर दारू का बॉटल, कुछ दवा ,कंडोम का पैकेट और बहुत कुछ था। रूपम दीदी आई और बोली ,मुझे दीदी भी बोलता है और चोदना भी चाहता है, मैं उनको अपने से चपकाते हुए बोला ,अरे दीदी जब आप गांड़ मटका कर घर से निकलते है पूरा मोहल्ला अपना लन्ड मसलता रहता है और आप के गांड़ चूची और बुर का बात करने लगता है। रूपम दीदी कुछ बोलती उस से पहले मैं  उनका होठ पर अपना होठ लगा कर चूतड सहलाने लगा। मैं इतने जोश में था की मेरा लौड़ा तनकर फटा जा रहा था उनको बेड पर पटक कर उनका साड़ी ऊपर कर लौड़ा उनके बुर पर लगा कर एक ही धक्का मैं पर लौड़ा उनकी बुर में पूरा अंदर तक घुसा दिया, वो जोर से चिल्लाई और मेरा बाल नोचने लगी मैं तो उनको चोदने को पागल हो रहा था सो पूरे जोश से लौड़ा उनकी बुर में अंदर बाहर करने लगा और बलाऊज के ऊपर से ही चूची पर दात काटने लगा ,रूपम दीदी अब चिल्लाना छोड़ सिसकारी भरने लगी। मुंह से आऊ.. आह्ह्ह,… ई ई आवाज करने लगी। मैं इतने जोश में था को 25,30 धक्का में ही मैं उनकी बुर में झाड़ गया।और हाफते हुए बगल में लेट गया। रूपम दीदी भी मेरे साथ ही झाड़ गई सो वो भी हाफ रही थी। थोड़ी देर बाद रूपम दीदी बोली साले जानवर ऐसे चोदते है दरिंदा तू चोद रहा था । मुझे लग रहा था जैसे कोई जानवर कर रहा है।मैं मुंह बनाकर बोला मैं कया करू दीदी आप को चोदने के जोश में सब गलत सलत हो गया। सोचकर आया था की पहले आप का बुर चाटूंगा,चूची पिऊंगा ,आप को तरपाऊंगा चूमूंगा,आप की चूत का रस पिऊंगा।आप को लौड़ा पिलाऊंगा गा। रूपम दीदी बड़े प्यार से मेरी ओर देख के बोली आज मैं तुझे चूदाई करना सिखाती हूं    रूपम दीदी मेरे लौड़ा को सहलाने लगी मुझे गुदगुदी हो ने लगी मैं बोला आह्ह्ह्ह दीदी बहुत मजा आ रहा है । वो मेरे गाल पर एक चाटा मारी ,बोली क्या दीदी ,दीदी लगा रखा है रूपम बोल रूपम और 69 की पोजिशन में अपनी बुर मेरे मुंह पर रख कर लौड़ा अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी मैं उनकी बुर में अपना जीभ लगा कर चाटने लगा। बीच बीच में  उनकी बुर के दाने पर दांत गडा देता तो वो कसमसा जाती । बुर चाटने से पूरा गीला हो कर चिप चिप करने लगा, में दीवाल से सटकर बैठ गया और रूपम दीदी अपनी चूत मेरे लौड़ा पर लगा कर उछलने लगी मैं उनकी चूची पीने लगा ।रूपम दीदी पूरे जोश मैं लौड़ा पर अपनी चूत चला रही थी 10 मिनट बाद वो आगे की ओर झुक कर बुर ऊपर उठा कर बोली देख भाई तेरी रूपम दीदी कुतिया बन गई अब चोद अपनी कुतिया को,चोद साले…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ….. सीईईईई…मजा आ रहा है चोद बहंचोद ,चोद के फार दे अपनी दीदी के बुर को आह्ह्ह्हह…. ईईईईई….मेरा बुर पानी छोड़ रहा है चोद भाई चोद कुतिया के जैसा चोद ,बुर का भोसड़ा बना दे.. ऊऊऊऊऊऊ….आआह्ह्हह्ह , करते हुए रूपम दीदी झड गई। मैं अपना एक अंगुली उनकी बुर में भीगा कर उनकी गांड़ में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ,रूपम दीदी थोड़ा कसमसाई तो मैं अपना जीभ उनकी गांड़ पर फेरने लगा ,वो फिर से सिसकारी लेने लगी । रूपम दीदी फिर से गरम हो रही थी ,में उनकी पेट के नीचे तकिया लगाया जिस से उनका गांड़ ऊपर उठ गया।    में अपना लौड़ा पहले एक दो बार उनकी बुर में चलाया ,जब लौड़ा पर बुर का रस लग गया तो अपने दोनो हाथों से उनका गांड़ फैला कर लौड़ा गांड़ की छेद पर लगा कर पूरे ताकत से धक्का मरा रूपम दीदी की गांड़ टाइट था सो आधा लौड़ा ही गांड़ में घुसा वो जोर से चिल्लाने लगी , छोर कुते लौड़ा निकाल मेरा गांड़ फट रहा है हट। मेरा भी लौड़ा दर्द कर रहा था ।है मैं लौड़ा आधा पर ही रोक कर रूपम दीदी का पीठ और गर्दन चाटने लगा दोनो हाथो से उनकी दोनो चूची सहलाने लगा तब वो शांत हुई । फिर मैं धीरे धीरे अपना लौड़ आगे पीछे करने लगा ,थोड़ी देर बाद दीदी भी गांड़ चलाने लगी उनको भी मजा आने लगा। मौका देख मैं एक झटका मे ही पूरा लौड़ा रूपम दीदी के गांड़ में घुसा दिया ,वो फिर से चिल्लाने और छटपटाने लगी ।मेरा  पानी भी निकलने वाला था सो मैं रूपम दीदी को कस के पकड़ कर पूरे स्पीड मैं लौड़ा उनकी गांड़ में पेल रहा था । लगभग10,15  धक्का के बाद मेरा लौड़ा उनकी गांड़ में ही उलटी कर दिया।।  जब मैं उनकी गांड़ से हटा तो देखा उनकी गांड़ से मेरा वीर्य और खून दोनो  निकल रहा था । घड़ी देखा तो सुबह के 4 बज रहे थे तो मैं अपना कपड़ा पहना और निकलने लगा । अचानक मेरे दिमाग में आया कि रूपम दीदी की चूदाई तो मैं की लेकिन कोई निशानी नही दिया फिर क्या ,रूपम दीदी मेरे सामने नगी पड़ी थी मैं उनका एक चूची मुंह में लेकर चूसना चालू किया और चूसते चूसते जोर से दांत काटा वो बेहोसी के हाल में भी कराह उठी। उनकी चूची पर मेरे 6 दांत के निशान पड़ गए थे।   कल सुबह जब वो हॉस्पिटल से लौट कर घर आ रही थी तब हम  और रौशन उसी के घर पर चाय पी रहे थे ।जब रूपम दीदी घर के अंदर जाने लगी तो मैने मजा लेने के लिए पास में ही बैठी रूपम दीदी के मां से पूछा  आंटी देखिए तो दीदी लगड़ा के क्यों चल रही है ,रूपम दीदी मेरी ओर देख कर बोली मुंह बंद रख अपना। आंटी रूपम दीदी के पीछे पीछे अंदर चली गई। रौशन पूछा क्या किया तूने जो दीदी सीधा नही चल पा रही है ।कुछ नही भाई  रात मैं दो बार बुर और दो बार गांड़ मैं पेला है इस लिए  भाई।और अपने घर की तरफ चल दिया।  

Leave a Comment