Devar Bhabhi Ke Jismaani Riste

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग आज की कहानी भाभी के ऊपर हैं जाने कैसे देवर ने चोदी भाभी  को।

तो चलिए कहानी शुरू करते हैं मेरा नाम मोनिका है और मेरे पति का नाम राज है मैं 36 साल की हो गई हूं और मेरी शादी को 11 साल बीत चुके हैं। मेरा भरा पूरा परिवार है।  

गांव में मेरे सास ससुर रहते हैं और शहर में मैं मेरा पति रहते हैं।  मेरा एक देवर भी हैं जिसका नाम सोनू हैं उसकी उम्र 21 साल है। सोनू पहले मम्मी पापा के साथ ही गांव में रहता था पर कंपटीशन की तैयारी करने के लिए अभी हमारे पास शहर में आ गया था। 

1 दिन की बात है मैं किचन में सब्जी बना रही थी और मुझे बुखार भी आ रहा था सब्जी बनाते समय मुझ पसीने भी आ रहा था।  पीछे से सोनू आया उसकी नजर मुझपे पड़ी वो पानी पीने के लिए रसोई में आया और उसने मुझसे पूछा कि भाभी तुम ठीक तो हो। 

तो मैंने सोनू को बोला कि हाँ जी मैं ठीक हूँ।  सोनू ने पूजा की भाभी लग रहा है कि तुम्हें बुखार आ रहा है। उसने फिर मेरे गाल पर हाथ लगाया तो उसने देखा कि मैं पूरी तब रही हूं। उसने बोला कोई बात नहीं भाभी थोड़ा सा बुखार है आप परेशान मत हो तो मैंने उसे कहा हां मैं ठीक हो जाऊंगी तुम भी परेशान मत हो। 

सोनू ने मुझसे कहा कि भाभी आप जाकर बैठ जाइए छोटी मैं बना लेता हूं आटा तो आपने गूथ ही दिया है और सब्जी भी बना ही ली हैं। मैंने सोनू से कहा अरे नहीं देवर जी मैं बना लूंगी आप जाओ। अब मेरे पति भी घर पर नहीं थे वह तो 3 दिन के लिए अपने बॉस के साथ ट्रेनिंग पर गए हुए थे । 

मेरे पति के बॉस उन्हें बहुत पसंद करते हैं क्योंकि वह ऑफिस में सबसे अच्छा काम करते है। अगर ऑफिस में कहीं बाहर जाना होता है या किसी भरोसेमंद आदमी की बात हो तो वो मेरे पति को ही भेजते हैं।  मैंने अपने देवर को कहा नहीं आप जाइए मैं बना लूंगी पर मेरी तबीयत थोड़ी ज्यादा खराब होने लग गई थी। 

तो सोनू ने कहा अच्छा भाभी आप नहीं मान रहे हो तो हम दोनों मिलकर ही खाना क्यों ना बना ले। तो मैंने सोनू बोला हां यह भी सही है। सोनू ने चकला बेलन लिया और रोटी बनाने लगा और मुझे बोला कि तुम चुपचाप कुर्सी पर बैठ जाओ और बैठ के ही रोटी सेकना।  

फिर मैं कुर्सी पर बैठ जाती हूं और मेरा देवर रोटियां बोल रहा है और मैं रोटियां सेक रही थी। मैं सोनू को नोटिस कर रही थी कि वह बार बार मुझे देख रहा था। मैं जानती थी कि शुरू से ही उसकी नजर मेरे ऊपर थी और आज तो मैं बुखार में तप रही थी तो जितेश की नजर मेरे ऊपर और भी ज्यादा पड़ रही थी। 

किसी तरह हमने खाना बनाया और खाना डाइनिंग टेबल पर रख दिया। मेरे देवर के बहुत कहने के बाद मैंने दो रोटी खाई और मुझे इतना भी ध्यान नहीं हो रहा था कि मैं अपनी प्लेट में थोड़ी सब्जी और डाल दूं। सोनू मुझे बोलता है कि भाभी आप और सब्जी ले लो पर मैं उसे मना कर देती हूं कि मेरा मन नहीं कर रहा है और खाने का। 

खाना खाने के बाद मैंने सोनू को कहा कि तुम रसोई बंद कर देना मैं सोने के लिए जा रही हूँ। तो सोनू कहता है कि भाभी आप रखिए मैं आपके लिए पास के केमिस्ट से दवाई लेकर आता हूं । तो मैंने सोनू से कहा अरे नहीं दवाई की कोई जरूरत नहीं है मैं अभी सो जाऊंगी कल सुबह तक सही हो जाऊंगी।

मैंने सोनू को कहा तुम्हारे भैया का भी कॉल आया था वह कल छोड़कर परसों वापसी आ जाएंगे। तो इतने में सोनू ने कहा यह ठीक बात है कि कल तुम बेहोश हो जाना और ताकि मैं को सारा घर का काम करना पड़ेगा। सोनू तो ठान के बैठा था कि मुझे दवा खिलाकर ही रहेगा। मुझे पता था कि सोनू के दिमाग में क्या चल रहा है और मैं यह भी जानती थी कि वह आज मेरा फायदा जरूर उठाकर रहेगा। 

वैसे मेरे मन में भी एक मलाल था कि मेरी शादी को 11 साल हो गए हैं पर मैं अभी तक मां नहीं बन पाई थी। मैं लगभग 36 साल की हो गई थी और अभी तक हमारे घर में कोई किलकारियां नहीं गूंजी थी।  फिर सोनू मुझे बिठाकर भागकर केमिस्ट वाले के पास जाता है और मुझे कहता है की भाभी आप अंदर से दरवाजा बंद कर लेना।  

केमिस्ट  वाला भी  सोनू का दोस्त था सोनू गया और उसने अपने दोस्त से बोला भाई मुझे दवाई दो तो उसके दोस्त ने पूछा कि तुम्हें किस चीज की दवाई चाहिए तो उसने अपने दोस्त को बताया मुझे बुखार की दवाई चाहिए और नींद की गोली ताकि भाभी चैन की नींद सो जाए।  

सोनू का दोस्त समझ आता है कि सोनू क्या करना चाहता है। सोनू के दोस्त ने उसे बुखार की गोली के साथ-साथ दो नींद की गोली भी दे दी। सोनू फटाफट दवाई लेता है और केमिस्ट वाले को  पैसे पकड़ा कर फटाफट भागकर घर वापसी आता है। सोनू का दोस्त पीछे से आवाज लगाता है अरे भाई इतनी जल्दी कहां की है पहले डोज तो  सुन ले यह जो नींद की दवाई है यह बहुत ही  हेवी डोज की है इसे सिर्फ एक ही गोली देना। 

सोनू अपने दोस्त को पूछता है कि इससे भाभी चैन से सो तो जाएगी ना। सोनू का दोस्त रहता है हां हां जरूर और अगली बार जब भाभी को बुखार हो तो मुझे भी याद कर लेना। सोनू अपने दोस्त की बात सुनकर अनसुना करके भागकर घर जाता है और मेरा।। वह घर पंहुचा और उसने दरवाजा लॉक किया और उसने देखा की मैं अभी भी सोफे पर ही बैठी हूँ।  

सोनू तो सोच रहा था कि बस जल्दी से मेरा काम हो जाए। फिर सोनू ने मुझे बुखार की गोली दी और साथ में घर गोली दी और कहा कि भाभी इस गोली को 5 मिनट के बाद लेनी है। तो मैंने सोनू को कहा अरे देवर जी एक गोली से ही हो जाएगा आप क्यों परेशान हो रहे हो। 

तो सोनू मुझे कहता है कि नहीं भाभी अब मैं आपकी एक भी नहीं सुनूंगा वह मेरे पास करीबन 5 मिनट तक खड़ा रहता है और मुझे दूसरी गोली भी खिला कर ही वहां से जाता है।  मैं नींद की गोली खा कर फिर कमरे में चली जाती हूं। डिटेल जितने में कमरे में आता है और मुझे कहता है कि मैं भी आप लेट जाओ मैं आपका सर दबा देता हूं। 

उसने बोला कि भाई मैं आपके माथे पर पट्टी अभी कर देता हूं ताकि आपका बुखार जल्दी उतर जाए । मैं मुस्कुराती और कहती हूं तू ठीक है जो जो आपकी इच्छा है आप सब कर लेना। सोनू ठंडे पानी की पटिया लेकर आता है और मेरे माथे पर लगाने लगता है। 

कुछ देर तक उसने ऐसे ही किया और मेरा सर दबाने लगा फिर मुझे कुछ देर बाद नींद आ गई। शायद नींद की गोलियां अपना असर दिखाने लग गई थी। सोनू मुझे आवाज लगाता है और कंफर्म करता है कि मैं सो गई या नहीं वह मेरे गालों को तब तक आता है और देखता है कि हां मैं अब सो चुकी हूं।  

सोनू अब समझ जाता है कि उसका रास्ता साफ हो चुका है। कुछ देर बाद सोनू ने मेरी टीशर्ट को ऊपर किया और मेरे ची चूचो के साथ खेलने लगा वह करीबन 10 से 15 मिनट तक मेरे चूचो को चूसता रहा और फिर उन्हें दबाने लगा।

 कुछ देर तक चूचे दबाने के बाद वो मेरी चूत की और बढ़ता हैं और मेरे पजामी को निचे कर मेरी चूत में अपनी ऊँगली करने लगता हैं। कुछ देर बाद वो अपने ललंड को मेरी चूत में डाल देता हैं और अपने लड़ को अंदर बहार अंदर बहार करने लगता हैं।  

कुछ देर मूर्ति चूत को ऐसे ही चोद कर वो मेरी चूत के अंदर ही अपना वीर्य निकाल देता हैं और वही मेरे बगल में  लेट जाता हैं।  लेटे लेटे उसकी भी आँख लग जाती हैं।  वो सो जाता हैं।  जैसे ही मेरी नींद की गोली का असर ख़तम होता हैं तो मेरी आँख खुलने लगती हैं।  

मैंने देखा की सोनू मेरे बगल में पूरा नंगा लेता हुआ हैं और मेरे कपडे भी उतरे हुए थे।  मैंने सोनू को उठाया सोनू जैसे ही उठा तो वो मुझे देख के डर गया।  उसने देखा की मुझे सब पता चल चूका हैं।  मेरा मन तो था ही चुदाई का और  क्या पता सोनू की चुदाई से मेरा बचा भी हो जाए। 

 मैंने सोनू का लंड पकड़ा और उसे हिलाने लगी ताकि उसका लंड फिर से खड़ा हो जाए।  सोनू ने मेरे बाल पकडे और मुझे चूसने लगा।  अब सोनू का  लंड खड़ा हो गया था मैंने सोनू को लिटाया और मैं सोनू के ऊपर चढ़ गई।  सोनू का लंड अपनी चूत में डालने के बाद मैं उसके लंड पे हिलते रही कुछ देर में सोनू ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड मरने लगा।  

उसने मेरी गांड में तेल लगाकर अपना लोडा मेरी गांड के अंदर घुसा दिया मेरी एकदम से चीख निकली।   आह आह आराम से सोनू अब मैं रोज ही तुमसे चुदुँगी तुम्हारे भाई का लंड ले ले के मैं पाक गई थी।  सोनू ये सुनने के बाद और जोश में आ गया उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी चूत में लंड घुसा दिया। 

कुछ देर मेरी चूत मारते मारते उसका भी बहार आने को हो गया था उसने दुबारा से मेरी चूत के अंदर अपना वीर्य दाल दिया।  हम दोनों साथ में ऐसे ही सोये रहे और फिर अगले दिन दोपहर में उठे।  अगले दिन उठने के बाद मेने सोनू  के साथ करीब 4 से 5 बार दुबारा से किया।  

सोनू से चूत मरवाने के बाद मुझे बहुत मजा आने लगा था।  अब मैं हफ्ते में 4 बार सोनू से अपनी चुदाई करवाती हूँ और उसके साथ ही सो जाती हूँ।  

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