नौकरानी के साथ चुदाई

हेलो दोस्तों मेरा नाम सतीश है उम्र 24 साल हैं! दिखने में अच्छा खासा और मेरी गर्लफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हाल फिलहाल हुआ था!

ब्रेकअप के बाद मैं थोड़ा प्यार से दूर रहने लगा और थोड़ा गुस्सैल भी! पापा और माँ साथ में बिज़नेस करते थे तो वो कहि बार नहीं आते थे घर!

उन्होंने एक मैड मतलब नौकरानी रखी थी जो पूरा घर देखती थी! नौकरानी बहुत अच्छी थी दिखने में और काम काज में पर जबसे मेरा ब्रेकअप हुआ मैं उनपर भी चिल्लाता रहता था!

नौकरानी का नाम कविता था उसकी उम्र 30 साल थी और उसकी शादी नहीं हुई थी! दिखने में एकदम माल थी वो पता नहीं नौकरानी क्यों बन गयी इसको तो कहि छोटे मोठे रोल मिल जाये सीरियल में!

मैंने कहि बार कविता पर चिल्लाया और उसके साथ बदतमीजी करी जैसे खाना जानकर फेक देना और गन्दगी करना!

पर वो हर चीज साफ़ कर देती और गुस्सा भी नहीं होती थी! एक दिन मेरे दोस्त का कॉल आया उसने मुझे बुलाया और मैं चला गया!

वंहा जाकर देखा मेरी एक्स गर्लफ्रेंड बैठी थी तो उसे देखकर मुझे गुस्सा आ गया! पर दोस्त ने शांत करवाया और सारी बाते क्लियर करी और एक्स ने सॉरी बोला और बताया की उसकी मजबूरी क्या थी!

कुल मिलाकर सब सही हो गया पर अब हम रिलेशन में नहीं थी और ना आना चाहते थे! अब जाकर मेरा मूड और दिमाग ठीक हुआ अब मुझे अच्छा लगने लगा!

मैं घर गया और मैंने देखा कविता मेरी फैलाई गन्दगी को साफ़ कर रही हैं तो मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया! मैं जाकर कविता की मदद करने लगा वो मुझे मना करती रही की बाबा आप मत कीजिये मैं सब साफ़ कर दूंगी!

उसने मुझे काम नहीं करने दिया और मुझे उसपर बहुत दया आयी! मैंने उसे सॉरी बोला की मैंने कुछ दिन ठीक से नहीं रहा उनके साथ!

उन्होंने कहा सॉरी की क्या जरुरत और बोला वो समज गयी थी मेरी हालत! पता नहीं क्यों कविता की इन सब बातो ने दिल जीत लिया!

एक तरफ मेरी एक्स गर्लफ्रेंड जिसे सब देने के बाद भी उसने धोखा दिया और दूसरी तरफ मेरी नौकरानी कविता उसे कुछ भी नहीं दिया मैंने कभी फिर भी कितनी केयरिंग हैं!

मैं मानता हूँ उसे पैसे मिलते हैं कविता का स्वभाव बहुत ज्यादा अच्छा था!

अब मैं कविता को बार बार देखता रहता था और वो मुझे नोटिस करती थी की मैं उसे देख रहा हूँ! कहि दफा तो वो शर्मा जाती थी जब मैं उसे बार बार देखता था तो!

एक दिन कविता का बर्थडे था तो वो घर काम करने आ गयी पर मैंने उसे छुट्टी देदी की मैं संभाल लूंगा वो छुट्टी पर जाए!

उसको पैसे भी दिया की अच्छा बर्थडे मनाना उसने कहि बार मना करा पर मैंने इसे पैसे दे ही दिए!

वो खुश हो गयी और अपने घरवालों से साथ उसने अच्छा जन्मदिन बनाया! हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे और कविता को पता था मैं उसे पसंद करता हूँ!

उसे ये भी पता था की हम दोनों का कोई भविष्य नहीं हैं पर फिर भी वो मुझे बदला हुआ देखकर बहुत खुश थी और मैं उसके व्यवहार से!

एक दिन मैं नहा रहा था तो टॉवल लपेट कर अपने कमरे में भाग कर गया! वंहा कविता सफाई कर रही थी और मैंने ध्यान नहीं दिया और तौलिया निकाल कर नंगा हो गया!

मैंने एकदम कविता को देखा और कविता ने मुझे हम दोनों शर्मा गए और वो भाग कर कमरे से बहार चली गयी!

मुझे कविता के साथ सेक्स करने नौकरानी की चुदाई के मन करने लगा था और एक दिन वो नाहा रही थी तो बाथरूम के ऊपर छोटा सा स्टोर था जंहा बाथरूम का सामान रखते थे!

मैं वही छिप गया और कविता आयी उसने अपने कपड़े उतारे और नहाने लगी! क्या साफ़ बदन था उसका मस्त गोल चुच्चे, पतली कमर और गांड मस्त थी! मेरा लंड खड़ा हो गया उसे देखकर और मैं धीरे धीरे मुठ मारने लगा!

मैंने देखा कविता अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी और अपनी हवस मिटा रही थी! उसे देखकर मेरी आँखे और फट गयी एक तो इतनी सुंदर ऊपर से चूत में ऊँगली डाल रही थी!

अचानक कविता ने ऊपर देखा और वो घबरा गयी उसने तौलिया लेकर अपना आगे से ढक लिया और कहा कौन हैं ऊपर!

मैं तुरंत निचे आया और वो मुझे देखकर चौंक गयी उसने कहा आप यंहा क्या कर रहे थे!

मैंने उसे सच बता दिया की वो मुझे अच्छी लगती हैं और मैं उसे देखने आया था! उसने मुझे कुछ नहीं कहा फिर मैं उसकी तरफ बढ़ा और वो पीछे होने लगी!

पीछे दीवार थी वो रुक गयी मैंने उसका तौलिया हटा दिया उसने आंखे निचे कर ली ! मैंने उसके बदन को अच्छे से निहारा क्या बदन था उसका कसम से मजा आ गया !

फिर मैंने उसकी ठुड्डी ऊपर करी और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे! मैंने उसके होंठ चूमना शुरू कर दिया और हम दोनों के शरीर में सनसनी से उठने लगी!

पहले वो शर्मा रही थी और मेरे शरीर को पीछे ढकेलने की कोशिश कर रही थी अपने हाथो से! पर उसने भी फिर मुझे चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथ ढीले कर दिए!

शॉवर चल रखा था हम दोनों भीग चुके थे और उसके भीगे होंठ मैं चूस रहा था! वो नहा चुकी थी इसीलिए उससे बहुत अच्छी खुसबू आ रही थी!

मैंने देखा कैसे पानी उसके गले से होकर बूब्स पर जा रहा हैं और उसके खड़े निप्पल से पानी गिर रहा हैं!

मैंने उसके निप्पल चूसना शुरू कर दिया और वो सिसकारियां भरने लगी और कहने लगी आअह बाबा आराम से करो बाबा!

मैंने कहा बाबा नहीं सतीश बोलो तभी आराम से करूंगा फिर उसने कहा सतीश धीरे करो न!

मैंने उसके बूब्स अच्छे से निचोड़ डाले और पेट की नाभि पर जीभ डालने लगा! उसे तो बहुत मजा आ रहा था मदहोशी में पागल हो गयी थी और सिसकारियां भर रही थी!

मुझे अब रहा नहीं गयी मैं उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया! आह क्या गरम चूत थी उसकी मजा आ गया और मैं उसकी चुदाई करने लगी!

वो सतीश सतीश सतीश आह अहह धीरे प्लीज धीरे करो करती थी और मजे से चुदने लगी उसने चुदते हुए मुझे बताया की उसे कहि दफा मुझे नंगा देखा हैं जब भी मैं कमरे में मुठ मरता था!

उसकी बाते और आवाज सुनता तो चुदाई तेजी से करने लगा और चरम सीमा पर पहुंचकर मैंने अपना सारा माल कविता की चूत में निकाल दिया!

हम दोनों उसके बाद एक दूसरे से करीब 5 मिनट तक चिपके रहे और शावर में नहाते रहे और फिर बहार आ गए!

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