पहली बार चुदाई एक वर्जिन सेक्स कथा

मेरा नाम निशा गुप्ता है मैं राजस्थान से हूँ। मेरी सहेलियां मुझे बोलती है की निशा तुम इतनी सेक्सी हो यार की लड़को का लंड तुमको देखकर ही खड़ा हो जाता होगा लेकिन मे तो अभी तक चुदी भी नही थी। ये कहानी मेरी है जिसका नाम है पहली बार चुदाई एक वर्जिन सेक्स कथा!

मेरे मन मे तो चुदवाने की बहुत इच्छा होती लेकिन शर्म आती है की किसी लड़के को कैसे बोलू की वो मुझे प्यार करते हुए मेरी चुदाई करे। मेने अपने आसपास ध्यान दिया की कोई सुन्दर लड़का हो जो मुझे चोद सके और मुझे मज़ा दे सके। तभी मेरा ध्यान सहेली नंदिता पर गया जो मेरे घर के बराबर वाले घर में रहती है। वो घर पर अकेली नहीं रहती थी क्योकि उसका बहुत ही सेक्सी और खूबसूरत भाई भी उसके साथ रहता था।

जब मेने उसे पहली बार देखा था तो मेरा दिल उस पर आ गया था लेकिन हमारे बीच कुछ भी ऐसी बात नहीं हो पायी। वो ज्यादातर घर में रहना पसंद करता था और मैं अपने दोस्तों के साथ बहार घूमना। लेकिन इस लोकडाउन की वजह से मैं भी ज्यादातर घर पर ही रहती थी। तभी बीच में मेरा उसके घर आना जाना थोड़ा बढ़ गया और हम तीनो में दोस्ती हो गयी। उस लड़के का नाम अंकित था और उसे भी मैं बहुत पसंद थी। मेरा फिगर भी 32-28-32 है जो है जो हर एक लड़के का लंड खड़ा करने में बस कुछ सेकंड ही लगाता था। उसके और मेरे बीच भी कुछ ऐसी ही मुलाकाते हुयी जिसमे उसने मुझसे कई बार बहुत करीब से बात करी।

तभी हम दोनों छत पर टहलने चले गए मेरे घर की और उसके घर की छत बराबर में और सटी हुयी थी। रात का समय था यही कोई तकरीबन नौ बजे थे। हम दोनों ने खाना खा लिया था और में कई बार अपने मम्मी को बोल के छत पर कमरे में सो जाया करती थी। तो इस बार मेने सोचा मम्मी को बोल देती हु की मैं ऊपर छत पर ही सोऊंगी लेकिन इस बार मैं अकेले नहीं सोना चाहती थी। मेने बातो बातो में अंकित के बार बार पास आने की कोशिश करी। तभी अंकित भी मेरी हरकतों को समझ गया और मुझे अपने पास आने दिया। मेने मौका देख कर अंकित का हाथ पकड़ दिया और उसने भी मेरा हाथ कस के पकड़ लिया।

बस फिर क्या था, मेने उसे थोड़ी गन्दी बाते करनी शुरू कर दी और उसने भी मेरे और ज्यादा करीब आना शुरू कर दिया। देखते ही देखते इतना हो गया था की मेरा एक बूब उसके हाथ पर टच होने लगा। अंकित भी हरामी निकला, उसने अपना हाथ हटाने के बजाए और ज्यादा सटा लिया। उसके ऐसा करने से मेरे बूब पर ज़ोर से प्रेशर लग रहा था तो मेने उसे बोल दिया की अपना हाथ पीछे कर लो। यह सुन के तो मानो उसका कंट्रोल उस पर से टूट गया हो। उसने मुझे कमर से पकड़ा और मेरे होठो को चूमने लगा। मैं यह देख कर पूरी तरह से हैरान थी लेकिन वो रुका ही नहीं। उसने पहले तो मेरा ऊपर वाला होठ अच्छे से चूसा फिर नीचे वाला।

अब उसके इतना करने के बाद मेरी चुत में अलग ही खुजली होने लगी और मैं बस उससे दबा के चुदने तैयार थी। उसने अपने होठो के साथ अपने हाथ को भी चलना शुरू कर दिया और मेरे दोनों स्तनों को बहुत ज़ोर से दबाने लगा। मेरे सॉफ्ट और बड़े स्तन उसे पागल कर रहे थे। यही नहीं मेने भी उसके पाजामे में हाथ दाल कर उसके मोठे और सख्त लंड को मसलना शुरू कर दिया। जैसे ही मेने उसका लंड पकड़ा वो पूरी तरह से पिघला गया और मुझे और ज़ोर से चूमने लगा। उसने मेरे सूट में हाथ डाल के मेरे दोनों मम्मे बहार निकाल दिए थे।

यही नहीं मेने भी उसके मोटे और बड़े लंड को पाजामे से बहार निकाल दिया था। में लगातार उसके लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे कर रही थी और वो लगातार मेरे होठो को रस पी रहा था। तभी मैं उसे अपने कमरे में खींच के ले गयी और कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया। अंदर जाते ही उसने अपने सारे कपडे उतार दिए और मेरे उतारने लगा। मैं इस पल के लिए हमेशा से तैयार थी इसीलिए मेने अपने कमरे में एक कंडोम का पैकेट संभाल के रखा था। तभी मेने उस पैकेट को निकला और उसके सामने पूरी तरह से नंगी होके खड़ी हो गयी। बस उसने मुझे एक नज़र ऊपर से नीचे तक देखा और मेरे नंगे बदन से लिपट गया।

तभी उसने मुझे पलंग पर उछाला और मेरे ऊपर आकर लेट गया। वो लगातार मुझे चुम रहा था कभी मेरे होठो पर तो कभी मेरे स्तनों पर। उसने मेरे पुरे बदन पर अपनी चुंबन से मुझे मज़े दिए और मेने भी उसके लंड को अच्छे से चूस कर उसकी हवस को चरम पर पहुंचाया। तभी उसने मेरी चुत पर अपना लंड मसला और धीरे से अंदर डाल दिया। मुझे बहुत दर्द हुआ यह तक की मेरी चुत से खून आ गया लेकिन वो यह देख कर भी रुका नहीं। मुझे भी उस दर्द में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी यही चाहती थी की वो मुझे बस चोदता रहे। उसने लगातार मेरी आधा घंटा चुदाई करी और मुझे उसके साथ अपने कामुक सपनो को पूरा करने में बहुत मज़ा आया।

तभी उसने मुझे पलंग पर उछाला और मेरे ऊपर आकर लेट गया। वो लगातार मुझे चुम रहा था कभी मेरे होठो पर तो कभी मेरे स्तनों पर। उसने मेरे पुरे बदन पर अपनी चुंबन से मुझे मज़े दिए और मेने भी उसके लंड को अच्छे से चूस कर उसकी हवस को चरम पर पहुंचाया। तभी उसने मेरी चुत पर अपना लंड मसला और धीरे से अंदर डाल दिया। मुझे बहुत दर्द हुआ यह तक की मेरी चुत से खून आ गया लेकिन वो यह देख कर भी रुका नहीं। मुझे भी उस दर्द में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी यही चाहती थी की वो मुझे बस चोदता रहे। उसने लगातार मेरी आधा घंटा चुदाई करी और मुझे उसके साथ अपने कामुक सपनो को पूरा करने में बहुत मज़ा आया।

अंकित बोला डार्लिंग केसा लगा मुझसे चुदवाने मे तो मे बोली यार अंकित मुझे पता होता की बॉय से चुदवाने मे इतना मज़ा आता है तो मे पहले से आपसे चुदवा लेती अंकित बोला मेरी जान एक बार और चुदवा लो आज बहुत अच्छा मोका है मुझे भी लगा अंकित सही बोल रहा है फिर अंकित ने ज़ोर ज़ोर से शॉट लगा कर एक बार और मेरी जमकर चुदाई की इस बार मुझे दर्द भी बहुत कम हुआ और मज़ा भी बहुत आया इसके बाद मुझे जब भी मोका मिलता है मैं अंकित का लंड अपनी चूत मे डलवा कर चुदाई करके स्वर्ग जेसा मज़ा लेती हूँ।

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